Ayatul Kursi or tarzuma
Ayatul Kursi In Arabic Text
اللَّهُ لاَ إِلَهَ إِلاَّ هُوَ الْحَيُّ الْقَيُّومُ لاَ تَأْخُذُهُ سِنَةٌ وَلاَ نَوْمٌ لَهُ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الأَرْضِ مَنْ ذَا الَّذِي يَشْفَعُ عِنْدَهُ إِلاَّ بِإِذْنِهِ يَعْلَمُ مَا بَيْنَ أَيْدِيهِمْ وَمَا خَلْفَهُمْ وَلاَ يُحِيطُونَ بِشَيْءٍ مِنْ عِلْمِهِ إِلاَّ بِمَا شَاءَ وَسِعَ كُرْسِيُّهُ السَّمَاواتِ وَالأَرْضَ وَلاَ يَئُودُهُ حِفْظُهُمَا وَهُوَ الْعَلِيُّ الْعَظِيمُ
Ayatul Kursi In English Text
Allahu laaa ilaaha illaa huwal haiyul qai-yoom, laa taakhuzuhoo sinatunw wa laa nawm.
lahoo maa fissamaawaati wa maa fil ard, man zallazee yashfa - u - indahooo illaa be iznih.
ya-lamu maa baina aideehim wa maa khalfahum, wa laa yuheetoona beshai 'immin 'ilmihee illa be maa shaaaa.
wasi'a kursiyyuhus samaa waati wal arda wa la ya'ooduho hifzuhumaa, wa huwal aliyyul 'azeem.
कौन है जो उसकी जनाब मैं बग़ैर उसकी इजाज़त के सिफारिश कर सके, वह जानता है. उनके तमाम हाज़िर व ग़ायब हालात को और उसकी मालूमात में से किसी भी चीज को अपने इल्म के एहाते में नहीं ला सकते.
आयतल कुर्सी पढ़ने के फायदे जान लें
अल्लाह के रसूल मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम फरमाते हैं कि
"जो शख्स सुबह के वक्त यह आयत पढ़े लें तो उसका दिन उसने अल्लाह के नाम के इनामो शुक्र अदा कर दिया है. अगर यह आयत वह शाम को पढ़े लें तो उस रात के खुदा के इनामो का शुक्र अदा कर दिया "
हज़रत सोबन रदी अल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि
" अल्लाह के रसूल मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने इरशाद फरमाएं कि हर मुसलमान बंदा में दिए कल में पढ़ें. अगर वह पढ़ता है तो अल्लाह के जिम्मे में होगी उसकी कयामत के दिन, उसे रजी करें".
हजरत माकल बिन यासर (रजि०) का बयान है कि
"जो शख्स तीन बार आयतल कुर्सी पढ़ता हो उस बंदे के लिए अल्लाह 70 हजार फरिश्तों को मक्कार फरमा देगा. जो शाम तक उस पर रहमत भेज रहेगें. अगर उस दिन वह शख्स मर जाता है तो शाहिद मारेगा. जो शख्स शाम को यह अमल करेगा उसे भी 70 हजार फरिश्तों मुख्तार की जाएगी. वह सुबह तक वह रहमत भेज रहेगें".
اللَّهُ لاَ إِلَهَ إِلاَّ هُوَ الْحَيُّ الْقَيُّومُ لاَ تَأْخُذُهُ سِنَةٌ وَلاَ نَوْمٌ لَهُ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الأَرْضِ مَنْ ذَا الَّذِي يَشْفَعُ عِنْدَهُ إِلاَّ بِإِذْنِهِ يَعْلَمُ مَا بَيْنَ أَيْدِيهِمْ وَمَا خَلْفَهُمْ وَلاَ يُحِيطُونَ بِشَيْءٍ مِنْ عِلْمِهِ إِلاَّ بِمَا شَاءَ وَسِعَ كُرْسِيُّهُ السَّمَاواتِ وَالأَرْضَ وَلاَ يَئُودُهُ حِفْظُهُمَا وَهُوَ الْعَلِيُّ الْعَظِيمُ
Ayatul Kursi In English Text
Allahu laaa ilaaha illaa huwal haiyul qai-yoom, laa taakhuzuhoo sinatunw wa laa nawm.
lahoo maa fissamaawaati wa maa fil ard, man zallazee yashfa - u - indahooo illaa be iznih.
wasi'a kursiyyuhus samaa waati wal arda wa la ya'ooduho hifzuhumaa, wa huwal aliyyul 'azeem.
Ayatul Kursi Tarjuma In Hindi
आयतल कुर्सी तर्जुमा - अल्लाह उसके सिवा कोई माबूद नहीं, वह जिंदा है, दुनिया को कायम रखने वाला, ना उसको ऊघं दबा सकती है, ना नींद, उसी का है जो कुछ आसमानों और जो कुछ जमीन में है.कौन है जो उसकी जनाब मैं बग़ैर उसकी इजाज़त के सिफारिश कर सके, वह जानता है. उनके तमाम हाज़िर व ग़ायब हालात को और उसकी मालूमात में से किसी भी चीज को अपने इल्म के एहाते में नहीं ला सकते.
आयतल कुर्सी पढ़ने के फायदे जान लें
अल्लाह के रसूल मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम फरमाते हैं कि
"जो शख्स सुबह के वक्त यह आयत पढ़े लें तो उसका दिन उसने अल्लाह के नाम के इनामो शुक्र अदा कर दिया है. अगर यह आयत वह शाम को पढ़े लें तो उस रात के खुदा के इनामो का शुक्र अदा कर दिया "
हज़रत सोबन रदी अल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि
" अल्लाह के रसूल मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने इरशाद फरमाएं कि हर मुसलमान बंदा में दिए कल में पढ़ें. अगर वह पढ़ता है तो अल्लाह के जिम्मे में होगी उसकी कयामत के दिन, उसे रजी करें".
हजरत माकल बिन यासर (रजि०) का बयान है कि
"जो शख्स तीन बार आयतल कुर्सी पढ़ता हो उस बंदे के लिए अल्लाह 70 हजार फरिश्तों को मक्कार फरमा देगा. जो शाम तक उस पर रहमत भेज रहेगें. अगर उस दिन वह शख्स मर जाता है तो शाहिद मारेगा. जो शख्स शाम को यह अमल करेगा उसे भी 70 हजार फरिश्तों मुख्तार की जाएगी. वह सुबह तक वह रहमत भेज रहेगें".
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Thank you